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दुनियाभर में रेअर अर्थ मिनरल्स पर सबसे ज्यादा पकड़ चीन की है. यही कारण है कि वह यूरोपीय यूनियन और अमेरिका को इसकी सप्लाई को लेकर धमकी देता रहता है. इस बीच यूरोपीय संघ ने मंगलवार (25 नवंबर 2025) ने कहा कि चीन के प्रतिबंध एक रैकेट के समान है, जो यूरोप के लिए खतरा है. यूरोपीय यूनियन के उपाध्यक्ष स्टीफन सेजॉर्न ने सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि यूरोपीय देश को चीन के महत्वपूर्ण खनिजों पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिशों में तत्काल तेजी लानी चाहिए. ‘चीन पर निर्भरता करने की कोशिशों में तेजी लानी होगी’ स्टीफन सेजॉर्न ने संसद में कहा, “यूरोप के लिए अब समय आ गया है कि वह अपनी रणनीति में तेजी लाए. चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए उसे दोगुने प्रयास करने होंगे.” उन्होंने यूरोपीय देशों से सप्लाई चेन में विविधता लाने की कोशिश करने का आह्वान किया. चीन वैश्विक रेअर अर्थ माइनिंग में लगभग 70 फीसदी का योगदान देता है, जिससे वैश्विक सप्लाई चेन में उसकी भूमिका महत्वपूर्ण है. इसे लेकर स्टीफन सेजॉर्न ने कहा कि इसके लाइसेंस बहुत कम जारी किए जा रहे हैं, जिससे डिलीवरी में देरी हो रही है. रैकेट चला रहा चीन: यूरोपीय यूनियन उन्होंने कहा, “इस प्रक्रिया में अक्सर कंपनियों को संवेदनशील जानकारी साझा करनी पड़ती है. ये लाइसेंस ऐसी जानकारी के बदले दिए जाते हैं जिसमें अक्सर व्यापारिक रहस्य शामिल होते हैं. अगर हम लाइसेंस प्राप्त करने के लिए हमारे निर्माताओं पर की जाने वाली सभी मांगों पर गौर करें तो ये जरूरतें एक रैकेट जैसी लगती हैं.” स्टीफन सेजॉर्न 27 देशों के ग्रुप वाले यूरोपीय यूनियन की चीन पर निर्भरता खत्म करने की प्लानिंग कर रहे हैं, जिसके बारे में वे 3 दिसंबर को खुलासा करेंगे. ‘अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का शिकार बना EU’ स्टीफन सेजॉर्न ने कहा कि अमेरिक-चीन व्यापार तनाव का शिकार यूरोपीय यूनियन बन गया है और बीजिंग की नीतियों का निशाना बना है. वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच यूरोपीय संघ की भारत के साथ मिलकर एक व्यापक वैश्विक एजेंडा बनाने पर नजर है. साथ ही दोनों पक्ष 27 जनवरी को अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन में मुक्त व्यापार समझौते, रक्षा रूपरेखा समझौते और एक रणनीतिक एजेंडा को अंतिम रूप दे सकते हैं. यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. दोनों पक्षों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय वस्तु व्यापार 135 अरब अमेरिकी डॉलर रहा.
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