आज की खबर: ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए न्यूक्लियर ठिकाने या PAK कर रहा परमाणु परीक्षण? ट्रंप ने कही बड़ी बात

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध हो सकता था, जिसे उन्होंने होने से रोक दिया. ट्रंप ने उसी इंटरव्यू में यह बात कही है, जिसमें उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान अंडरग्राउंड परमाणु परीक्षण कर रहा है. सीबीएस न्यूज के साथ इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चली चार दिनों की वो छोटी सी जंग परमाणु युद्ध में बदल सकती थी, जिसे उन्होंने ट्रेड और टैरिफ की धमकियों से रोक दिया था. ट्रंप से पूछा गया था कि वह रूस और यूक्रेन का युद्ध कैसे रोकेंगे, जिस पर ट्रंप ने कहा कि वह अब तक 8 युद्ध रुकवा चुके हैं. 60 प्रतिशत युद्ध टैरिफ और ट्रेड धमकियों से रुकवाए, बोले ट्रंपट्रंप ने कहा कि उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल में जितने भी युद्ध रुकवाए हैं, उनमें से 60 प्रतिशत उन्होंने टैरिफ धमकी से रुकवाए. उन्होंने कहा कि अगर टैरिफ और ट्रेड की धमकी नहीं दी होती तो वह ये युद्ध रुकवा नहीं पाते. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान परमाणु युद्ध की तरफ बढ़ रहे थे, तब वह बीच में आए और उन्होंने दोनों देशों को धमकी दी कि अगर वह नहीं रुके तो अमेरिका के साथ व्यापार नहीं कर पाएंगे. पाकिस्तान कर रहा न्यूक्लियर टेस्टिंगडोनाल्ड ट्रंप से इंटरव्यू में रूस के पोसाइडन अंडरवॉटर ड्रोन समेत परमाणु हथियारों के परीक्षण को लेकर सवाल किए गए थे. इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि रूस, चीन, पाकिस्तान और नॉर्थ कोरिया जैसे देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, अंडरग्राउंड टेस्टिंग की वजह से भूकंप के झटके आते हैं. उन्होंने कहा कि रूस और चीन परमाणु परीक्षण करते हैं, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि जब ये सब देश न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं तो मैं ऐसा अकेला देश नहीं बनना चाहता जो परीक्षण न करे. पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 से 10 मई के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच छोटी सी जंग चली थी. भारत ने पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करके पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने की नाकाम कोशिश की थी. उसने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था. हालांकि, भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उसकी सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया था. 10 मई को दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हो गए थे. अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार सीजफायर के लिए खुद को क्रेडिट देते हैं और वह कई बार ये कह चुके हैं कि उनके कहने पर दोनों देश सीजफायर के लिए तैयार हुए. हालांकि, भारत उनकी इस बात से सहमत नहीं है. भारत ने कभी भी इस पर स्वीकृति नहीं जताई है.
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