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चीन ने डिफेंस की दुनिया में एक बार फिर सबको चौंका दिया है. बीजिंग के वैज्ञानिकों ने ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने का दावा किया है जो मैक 5 (Mach 5) से ज़्यादा रफ़्तार से उड़ते हुए अपना आकार बदल सकती है. अब तक ऐसा संभव नहीं माना जाता था, लेकिन इस ‘मॉर्फिंग वेपन’ ने वायुगतिकी (Aerodynamics) की सभी सीमाओं को तोड़ दिया है. यह रिसर्च चीन के National University of Defense Technology (NUDT) के प्रोफेसर वांग पेंग के नेतृत्व में की गई. इसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल Acta Aeronautica et Astronautica Sinica में प्रकाशित किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, यह मिसाइल उड़ान के दौरान अपने पंखों (Wings) को समेट या फैला सकती है, जब स्पीड चाहिए तो पंख अंदर समा जाते हैं और दिशा बदलनी हो तो ये बाहर आ जाते हैं.   उड़ान के दौरान कैसे बदलता है आकार? इस मॉर्फिंग मिसाइल में एक अत्याधुनिक नियंत्रण प्रणाली (Super-Twisting Sliding Mode Control) लगाई गई है. यह सिस्टम रीयल-टाइम में पंखों की स्थिति को बदलता है ताकि मिसाइल अपनी दिशा बदले बिना, हवा में स्थिर रहते हुए आकार में परिवर्तन कर सके. यानि अब मिसाइल खुद नहीं हिलती — उसके पंख खुद-ब-खुद हिल जाते हैं. यह अब तक हाइपरसोनिक एरोडायनामिक्स की सबसे कठिन उपलब्धि मानी जा रही है. तकनीक कमाल की, लेकिन चुनौतियां अभी बाकी चीन की यह खोज भले ही आश्चर्यजनक है, लेकिन इसके सामने कई कठिनाइयां अभी भी हैं. हाइपरसोनिक उड़ान के दौरान तापमान 2000°C तक पहुंच जाता है, जिससे मेटल के पिघलने का खतरा होता है. थर्मल प्रोटेक्शन (Thermal Protection) और स्थिरता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है. इसी तरह कंट्रोल चैटरिंग जैसी समस्या मिसाइल को हवा में अस्थिर कर सकती है. हाइपरसोनिक पैसेंजर विमान की दिशा में नई उम्मीद चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में हाइपरसोनिक पैसेंजर विमान बनाने में मदद कर सकती है. हालांकि फिलहाल इसका उपयोग पूरी तरह सैन्य उद्देश्यों (Military Use) के लिए किया जा रहा है. बीजिंग इस तकनीक को अपने रक्षा क्षेत्र की भविष्य की नींव बता रहा है. चीन की हाइपरसोनिक मिसाइल और वैश्विक चिंता 2021 की सैन्य परेड में चीन ने CJ-1000 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रदर्शित की थी, जिसे अब कई विशेषज्ञ मॉर्फिंग टेक्नोलॉजी से जुड़ा मॉडल मान रहे हैं. माना जा रहा है कि यह मिसाइल स्टील्थ जेट्स और एयरक्राफ्ट कैरियर जैसे लक्ष्यों को सटीक निशाना बना सकती है. हालांकि मिसाइल को सीलबंद कंटेनर में दिखाया गया था, जिससे इसके डिजाइन को लेकर रहस्य और बढ़ गया. भविष्य की मिसाइल टेक्नोलॉजी की झलक-वांग पेंग प्रोफेसर वांग पेंग ने कहा कि यह रिसर्च भविष्य की हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी की झलक है. उन्होंने बताया कि चीन अब केवल अमेरिका और रूस की बराबरी नहीं, बल्कि उनसे आगे निकलने की दिशा में काम कर रहा है. यह शेप-शिफ्टिंग वेपन आने वाले वर्षों में ग्लोबल डिफेंस बैलेंस  को पूरी तरह बदल सकता है. ये भी पढ़ें: लंदन जाने वाली ट्रेन में अचानक मची चीख-पुकार, 10 लोगों को चाकुओं से गोदा; 2 संदिग्ध गिरफ्तार…
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