आज की खबर: Amazon आज से करने जा अब तक की बड़ी छंटनी, 15 लाख स्टाफ में से 30 हजार पर चलाएगी कैंची
Amazon Layoffs 2025: ई-कॉमर्स की दिग्गज अमेरिकी कंपनी अमेजन एक बार फिर बड़े पैमाने पर छंटनी करने जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार से कंपनी करीब 30 हजार कर्मचारियों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. दरअसल, कोविड-19 के दौरान बढ़ी मांग के चलते कंपनी ने बड़ी संख्या में हायरिंग की थी, लेकिन अब खर्चों में कटौती और संचालन दक्षता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. किन विभागों पर पड़ेगा असर? अमेजन में फिलहाल कुल 15.5 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं, जिनमें से 3.5 लाख कॉर्पोरेट स्टाफ हैं. यह 2022 के बाद सबसे बड़ी छंटनी बताई जा रही है, जब कंपनी ने करीब 27,000 कर्मचारियों को हटाया था. छंटनी की जानकारी सबसे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दी, हालांकि अमेजन की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. पिछले दो वर्षों में अमेजन ने पॉडकास्टिंग, कम्युनिकेशंस और डिवाइसेज़ जैसे कई विभागों में छोटे स्तर की छंटनी की थी. इस बार की छंटनी का असर एचआर, ऑपरेशंस, डिवाइसेज़ एंड सर्विसेज और अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) पर पड़ने की संभावना है. AI और ऑटोमेशन से बदलेगा वर्कफोर्स अमेजन के सीईओ एंडी जस्सी ने जून में संकेत दिया था कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, जिससे आने वाले वर्षों में वर्कफोर्स में कमी की जा सकती है. उन्होंने कर्मचारियों को जारी एक ज्ञापन में कहा था कि AI टूल्स के बढ़ते इस्तेमाल से कई नियमित कार्य स्वचालित हो जाएंगे, जिससे कुछ भूमिकाओं की जरूरत कम पड़ सकती है.” कंपनी ने मैनेजर्स को निर्देश दिया है कि वे छंटनी की सूचना ईमेल के माध्यम से देने के तरीके पर प्रशिक्षण लें. टेक सेक्टर में जारी छंटनी की लहर तकनीकी क्षेत्र में छंटनी पर नजर रखने वाली वेबसाइट Layoffs.fyi के अनुसार, साल 2025 में अब तक 216 कंपनियां करीब 98,000 कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं. पिछले साल यह संख्या 1.53 लाख के करीब थी. एक दिन पहले सोमवार को अमेजन के शेयर में 1.2% की बढ़त दर्ज की गई और यह 226.97 डॉलर पर बंद हुआ. कंपनी को गुरुवार को आने वाले तिमाही नतीजों में अच्छे मुनाफे की उम्मीद है. अमेजन का सबसे बड़ा मुनाफे का स्रोत क्लाउड कंप्यूटिंग यूनिट AWS है, जिसकी बिक्री दूसरी तिमाही में 17.5% बढ़कर 30.9 बिलियन डॉलर तक पहुंची है. ये भी पढ़ें: क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमत और डॉलर की मांग के बीच भारतीय रुपये में दो हफ्ते में सबसे बड़ी गिरावट
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