आज की खबर: भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ रहा आगे, Apple के iPhone का इसमें कितना हाथ?

Electronics export from India: भारत से एक्सपोर्ट किए जाने वाले सामानों में इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स दूसरे नंबर पर है. इसकी दो वजहें हैं- एक एप्पल आईफोन का भारत में बढ़ता प्रोडक्शन और दूसरा रूसी तेल कंपनियों पर अमेरिका का लगाया गया नया प्रतिबंध. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर लगाए गए ट्रंप के नए प्रतिबंध के चलते भारतीय रिफाइनरियों की रूसी कच्चे तेल की खरीद पर असर पड़ सकता है. जाहिर सी बात है कि अमेरिकी प्रतिबंध से रियायती कच्चे तेल के प्रवाह पर असर पड़ेगा, तो इससे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट पिछड़ जाएगा और इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट दूसरी सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कैटेगरी के रूप में उभरकर सामने आएगा.   इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ रहा आगे कॉमर्स मिनिस्ट्री की डेटा से पता चलता है कि साल के शुरुआती छह महीनों में इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट 42 परसेंट बढ़कर 22.2 अरब डॉलर हो गया, जिसमें एप्पल के आईफोन का योगदान लगभग आधा रहा, जबकि पिछले साल यह 15.6 अरब डॉलर था. डेटा के मुताबिक, 2026 की पहली छमाही के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात ने देश के तीसरे सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते ओवरसीज सेल्स सेगमेंट में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है. ET से बात करते हुए एक्सपर्ट्स ने कहा कि रूसी कच्चे तेल की सीमित खरीदारी के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स दो साल के भीतर इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स के साथ एक्सपोर्ट कैटेगरीज में दूसरे स्थान पर अपनी जगह बना सकता है. 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स इस लिस्ट में सातवें नंबर पर था, जबकि 2024 में यह टॉप 10 सबसे तेजी से बढ़ने वाली कैटेगरी के रूप में उभरा. इसकी रफ्तार धीरे-धीरे और तेज होती जा रही है.  पहले नंबर पर कौन सी कैटेगरी?  कारोबारी साल 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स जेम्स एंड जूलरी व केमिकल को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर पहुंच गया. इससे पहले, 2022 में यह फार्मास्यूटिकल्स और रेडीमेड गारमेंट जैसी कैटेगरीज को पहले ही पीछे छोड़ चुका था. दूसरी तरफ, इस दौरान पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट में भी 16.4 परसेंट की गिरावट देखी गई, जो 36.6 अरब डॉलर से घटकर 30.6 अरब डॉलर रह गया. भारत की दूसरी सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कैटेगरीज बने रहने के बावजूद पेट्रोलियम ने वित्त वर्ष 2023 के 97.4 अरब डॉलर से वित्त वर्ष 2025 में 63.3 अरब डॉलर तक लगातार गिरावट दर्ज की है. इंजीनियरिंग अब भी 59.3 अरब डॉलर के साथ एक्सपोर्ट कैटेगरी में पहले स्थान पर है, जो पिछले साल के 56.3 अरब डॉलर से 5.35 परसेंट की बढ़त को दर्शाता है. इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स के एक्सपोर्ट में बीते तीन सालों में गजब का उछाल आया. यह वित्त वर्ष 2023 के 23.5 अरब डॉलर से वित्त वर्ष 2025 में 38.5 अरब डॉलर तक पहुंच गया.        ये भी पढ़ें: कोर्ट का एक फैसला और रॉकेट बना शेयर, Vodafone Idea के निवेशकों को बड़ी राहत! 
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