आज की खबर: Signs of pancreatic cancer: पैरों में दिखें ये 4 लक्षण तो समझ जाएं पैनक्रियाटिक कैंसर ने बॉडी में बना लिया घर, गलती से भी न करें इग्नोर

Pancreatic Cancer Causes: आजकल लोग इतना अपनी भागदौड़ भरी लाइफ में व्यस्त हो चुके हैं कि उनको खानपान और बाकी डेली लाइफस्टाइल पर ध्यान देने का समय ही नहीं मिल पाता है. इसके चलते कैंसर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक जैसे मामले पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. इसमें जो सबसे खतरनाक है, वह है कैंसर. जिसमें पैंक्रियाटिक कैंसर, जिसे अक्सर साइलेंट किलर के नाम से जाना जाता है, बेहद खतरनाक और तेजी से फैलने वाली बीमारी है. आपके लिए इसको डिटेक्ट करने की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आप इसको शुरुआती चरण में आसानी से पकड़ नहीं पाते, क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण कुछ खास नहीं होते हैं. आमतौर पर इस बीमारी के संकेतों में पेट दर्द, पीलिया और अचानक वजन घटना शामिल हैं. लेकिन हाल में ही इस पर हुए कई रिसर्च बताते हैं कि शरीर के अन्य हिस्सों, खासकर पैरों में होने वाली कुछ समस्याएं, इसकी शुरुआती चेतावनी हो सकती हैं. चलिए आपको बताते हैं कि इसके कौन से लक्षण हमें शुरुआती दौर से ही दिखने शुरू हो जाते हैं. कैसे पता करें इसके लक्षण कई मरीजों में पेट से जुड़े लक्षणों से पहले पैरों में दर्द, सूजन, लालिमा या गर्माहट जैसे संकेत दिखाई देते हैं. इन छोटी-छोटी परेशानियों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन ये पैंक्रियाटिक कैंसर की ओर इशारा कर सकती हैं. अगर समय रहते ध्यान दिया जाए तो शुरुआती निदान और बेहतर इलाज की संभावना बढ़ जाती है. सबसे पहले आपको ध्यान देने की जरूरत है कि अगर पैरों में लगातार या बिना वजह दर्द बना रहता है, तो यह डीप वेन थ्रॉम्बोसिस यानी गहरी नसों में ब्लड का थक्का जमने का संकेत हो सकता है. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, पैंक्रियाटिक कैंसर की स्थिति में शरीर की ब्लड क्लॉटिंग प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है, जिससे DVT का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे दर्द को हल्के में न लें, क्योंकि यह नसों में दबाव, सूजन या ब्लड फ्लो के रुकने की गंभीर समस्या हो सकती है. अगर दूसरे लक्षण की बात करें, तो इसमें बिना किसी कारण के एक या दोनों पैरों में अचानक सूजन आना भी चिंता का कारण हो सकता है. कैंसर मरीज़ों में यह अक्सर खून के थक्के या ट्यूमर द्वारा नसों पर दबाव डालने की वजह से होता है. सूजन के साथ अगर दर्द, लालिमा या गर्माहट भी हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए. इसके अलावा पैरों का गहरा लाल रंग हो जाता है और पैरों में गर्माहट बढ़ जाती है. क्यों जरूरी है लक्षण का पता करना अब सवाल आता है कि क्यों और कितना जरूरी है, इसके लक्षणों के बारे में पता करना. तो सबसे जरूरी जो बात है, वह यह है कि पैंक्रियाटिक कैंसर अक्सर देर से पकड़ा जाता है, जब तक बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है. ऐसे में पैरों से जुड़े ये शुरुआती लक्षण समय रहते डॉक्टर तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं. अगर किसी को अचानक और बिना वजह पैरों में दर्द, सूजन, लालिमा या गर्माहट महसूस हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें. समय पर इलाज मिलने से बीमारी की पहचान आसान हो जाती है और मरीज को बेहतर इलाज विकल्प मिल सकते हैं. इसे भी पढ़ें- Dangers of breast ironing: ब्रेस्ट आयरनिंग कितनी खतरनाक, इससे लड़कियों पर सोशली-साइकोलॉजिकली और फिजिकली कितना पड़ता है असर? Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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