आज की खबर: Early Signs of Lung Cancer: उंगलियों और नाखूनों में दिखते हैं लंग कैंसर के ये लक्षण, इन्हें गलती से भी न करना इग्नोर वरना हो जाएगी मौत

Finger Clubbing Symptoms: लंग कैंसर दुनिया में सबसे घातक कैंसर में से एक माना जाता है, इसकी वजह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं और अनदेखे रह जाते हैं. समय पर इसका पता लगाना मुश्किल होता है, इसलिए मामूली संकेतों पर भी ध्यान देना जरूरी है. इन्हीं संकेतों में से एक है फिंगर क्लबिंग, यानी उंगलियों और नाखूनों के आकार और बनावट में बदलाव. हालांकि यह हर केस में शुरुआती दौर में नहीं दिखता, लेकिन इसे समझना आपके लंग्स की सेहत के बारे में अहम जानकारी दे सकता है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. फिंगर क्लबिंग क्या है? फिंगर क्लबिंग, जिसे डिजिटल क्लबिंग भी कहा जाता है, दरअसल उंगलियों की नोक पर सूजन और नाखूनों की बनावट में बदलाव को कहते हैं. यह धीरे-धीरे विकसित होता है और शुरुआत में पकड़ना आसान नहीं होता. इसके सामान्य लक्षण हैं, जैसे कि  उंगलियों के सिरों का मोटा होना नाखूनों की जड़ों का मुलायम होना नाखूनों का नीचे की ओर मुड़ना नाखून और क्यूटिकल के बीच का एंगल बढ़ जाना शुरुआती अवस्था में नाखूनों के आसपास हल्की लालिमा या मुलायमपन दिख सकता है, जबकि बढ़ने पर नाखून चमकदार और चम्मच जैसे मुड़े हुए नजर आते हैं. लंग कैंसर और फिंगर क्लबिंग का संबंध लंग कैंसर के मरीजों में फिंगर क्लबिंग एक आम लक्षण है और रिसर्च के मुताबिक यह लगभग 80 प्रतिशत मरीजों में देखने को मिलता है. हालांकि, यह अक्सर बीमारी के एडवांस्ड स्टेज में दिखाई देता है. माना जाता है कि इसके पीछे शरीर में ऑक्सीजन की कमी और कुछ ग्रोथ फैक्टर्स का ज़्यादा बनना जिम्मेदार है, जो खून की नई नसें बनाने लगते हैं. यही प्रक्रिया कैंसर जैसी बीमारियों से ट्रिगर हो सकती है. उंगलियों और नाखूनों में दिखने वाले अन्य लक्षण नाखून नीले पड़ना – खून में ऑक्सीजन की कमी की ओर इशारा करता है सूजन- उंगलियों का फूलना या भारी लगना नाखून की बनावट बदलना- नाखूनों में लकीरें, टूटना या बहुत तेज़ी से बढ़ना सुन्नपन या झनझनाहट- नसों पर दबाव या कैंसर से जुड़ी अन्य समस्याओं का संकेत ठंडी या पीली उंगलियां- ब्लड सर्कुलेशन कम होने की निशानी हो सकती है सिर्फ लंग कैंसर ही वजह नहीं हालांकि लंग कैंसर इसकी बड़ी वजह है, लेकिन फिंगर क्लबिंग अन्य बीमारियों से भी हो सकता है, जैसे कि क्रॉनिक फेफड़े के इंफेक्शन जिसमें ब्रॉन्कीएक्टेसिस, सिस्टिक फाइब्रोसिस शामिल है, दूसरे नम्बर पर लिवर डिजीज जैसे कि सिरोसिस और कुछ और कैंसर जैसे लिवर कैंसर या हॉजकिंस लिंफोमा के साथ वायरल इंफेक्शन HIV, हेपेटाइटिस B और C इसमें शामिल है.  घर पर कैसे पहचानें एक आसान टेस्ट है जिसे Schamroth sign कहते हैं. दोनों हाथों की तर्जनी उंगलियों को इस तरह जोड़ें कि नाखून आमने-सामने हों. सामान्य स्थिति में बीच में एक छोटा डायमंड शेप का गैप दिखेगा. अगर यह गैप न दिखे और नाखून आगे की ओर मुड़े हों, तो यह फिंगर क्लबिंग का संकेत हो सकता है. इलाज क्या है? फिंगर क्लबिंग का खुद का कोई इलाज नहीं है. इसका समाधान उस बीमारी को कंट्रोल करना है जिसकी वजह से यह हुआ है. अगर वजह अस्थायी या ठीक होने वाली है, तो क्लबिंग कम हो सकती है. लेकिन लंग कैंसर या दूसरी क्रॉनिक बीमारियों में यह बदलाव स्थायी भी रह सकता है. डॉक्टर से कब मिलें? अगर आपके नाखून या उंगलियों में ऐसे बदलाव दिखें तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें. जांच में डॉक्टर नाखूनों को देखेंगे, आपकी मेडिकल हिस्ट्री पूछेंगे और जरूरत पड़ने पर खून की जांच, एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसी टेस्टिंग कर सकते हैं. अगर यह लक्षण लंग कैंसर जैसे गंभीर रोग से जुड़ा है तो जल्दी जांच और इलाज बेहद जरूरी है. ये भी पढ़ें: मेकअप हटाने बिना तो नहीं सो जाती हैं आप? चेहरे पर ऐसा होता है असर Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
पूरा पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *