Antivirus: डिजिटल दुनिया जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से साइबर खतरे भी बढ़ रहे हैं. आज के समय में लैपटॉप, कंप्यूटर और स्मार्टफोन हमारी रोजमर्रा की जरूरत बन चुके हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपका लैपटॉप अंदर मौजूद वायरस, मैलवेयर और हैकिंग अटैक से खुद को कैसे बचाता है? इसका जवाब है एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर. यह एक ऐसा डिजिटल सुरक्षा गार्ड है जो आपके सिस्टम को हर पल निगरानी में रखता है और खतरों को दूर करने में मदद करता है. इस लेख में हम समझेंगे कि आखिर एंटीवायरस होता क्या है यह कैसे काम करता है और यह आपके लैपटॉप को किस तरह सुरक्षित रखता है. एंटीवायरस क्या है? आसान शब्दों में कहें तो एंटीवायरस एक ऐसा सॉफ़्टवेयर है जो कंप्यूटर को वायरस और हानिकारक प्रोग्रामों से बचाने के लिए बनाया गया है. पहले यह सिर्फ वायरस हटाने के लिए इस्तेमाल होता था लेकिन आज इसके फीचर्स काफी आगे बढ़ चुके हैं. आधुनिक एंटीवायरस फ़िशिंग, रैनसमवेयर, स्पाइवेयर, ट्रोजन, कीलॉगर और कई तरह के मैलवेयर को पहचानकर सिस्टम को सुरक्षित करता है. यह बैकग्राउंड में लगातार चलता रहता है और आपके लैपटॉप के हर फाइल, ऐप और इंटरनेट एक्टिविटी की निगरानी करता है, ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि का समय रहते पता लगाया जा सके. लैपटॉप में वायरस कैसे घुसते हैं? बहुत से लोग मानते हैं कि वायरस सिर्फ गलत वेबसाइटें खोलने या फ्री सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने से आते हैं, लेकिन सच इससे कहीं बड़ा है. वायरस कई छोटे-छोटे तरीकों से आपके सिस्टम में एंट्री पा सकते हैं जैसे: ईमेल में आए संदिग्ध लिंक या अटैचमेंट पायरेटेड सॉफ़्टवेयर संक्रमित पेन-ड्राइव या हार्ड डिस्क फेक वेबसाइटें असुरक्षित फाइल डाउनलोड पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल एक बार वायरस लैपटॉप में घुस जाए तो वह आपकी फाइलें खराब कर सकता है डेटा चुरा सकता है, बैंकिंग जानकारी हैकर तक पहुँचा सकता है और यहां तक कि पूरे सिस्टम को लॉक कर फिरौती भी मांग सकता है. एंटीवायरस कैसे काम करता है? एंटीवायरस का काम सिर्फ वायरस हटाना नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम को सुरक्षित वातावरण देना है. यह कई चरणों में काम करता है: वायरस स्कैनिंग एंटीवायरस आपके लैपटॉप में मौजूद हर फाइल और प्रोग्राम को स्कैन करता है. इसके पास वायरस के हजारों सिग्नेचर (पहचान) मौजूद रहते हैं. जैसे ही कोई फाइल इनमें से किसी सिग्नेचर से मैच करती है, एंटीवायरस उसे तुरंत खतरे के रूप में पहचान लेता है. रियल-टाइम प्रोटेक्शन यह सबसे जरूरी फीचर है. इसमें एंटीवायरस लगातार आपके सिस्टम की निगरानी करता है. जैसे ही कोई नया फाइल, डाउनलोड या एक्टिविटी होती है, एंटीवायरस उसे तुरंत जांचता है ताकि कोई वायरस अंदर घुस न पाए. बिहेवियर एनालिसिस आज के हैकर्स नए-नए वायरस बनाते रहते हैं, जिनकी सिग्नेचर लिस्ट में पहचान नहीं होती. ऐसे मामलों में एंटीवायरस फाइल के व्यवहार (Behavior) को देखकर उसे खतरा मानकर ब्लॉक कर देता है. मालवेयर हटाना और क्वारंटीन करना यदि कोई संदिग्ध फाइल मिलती है तो एंटीवायरस या तो उसे डिलीट कर देता है या “Quarantine Folder” में भेज देता है. इससे फाइल सिस्टम से अलग रहती है…
पूरा पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *