आज की खबर: Google की कड़ी चेतावनी! भूलकर भी न करें ये काम नहीं तो मिनटों में हैक हो सकता है आपका पूरा फोन

हम जब भी किसी स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशंस देखते हैं तो RAM और ROM का जिक्र जरूर आता है. इन दोनों का ही काम फोन के ऑपरेशन से जुड़ा हुआ है और ये ऐप परफॉर्मेंस से लेकर सिस्टम स्टेबिलिटी के लिए जरूरी होती हैं. ऐसे में आपके मन में सवाल उठ सकता है कि ये दोनों क्या होती हैं, क्या इनमें कोई अंतर होता है और फोन की परफॉर्मेंस के लिए ये क्यों इंपोर्टेंट हैं? आज हम इस एक्सप्लेनर में इन सारे सवालों के जवाब लेकर आए हैं.  RAM और ROM क्या होती हैं? RAM यानी रैंडम एक्सेस मेमोरी और ROM मतलब रीड-ओनली मेमोरी. ये दोनों ही फोन मेमोरी के जरूरी पार्ट हैं. RAM फोन में शॉर्ट-टर्म मेमोरी की तरह काम करती है. यह वॉलेटाइल मेमोरी होती है, जो फोन में ओपन ऐप्लिकेशन्स और प्रोसेस को रन करती है. इसका मतलब है कि जब आप कोई ऐप ओपन करते हैं या दूसरी ऐप पर जाते हैं तो RAM के कारण यह सबकुछ स्मूद तरीके से हो जाता है. फोन में ज्यादा रैम होने का मतलब है कि आप एक साथ कई टास्क कंप्लीट कर सकते हैं और फोन हैंग नहीं होगा.  ROM की बात करें तो यह फोन की इंटरनल स्टोरेज होती है, जो नॉन-वॉलेटाइल है. फोन का ऑपरेटिंग सिस्टम, प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स और यूजर का सारा पर्सनल डेटा इसी मेमोरी पर स्टोर होता है. रैम की तरह यह टेंपरेरी नहीं होती और यह जरूरत पड़ने पर उपलब्ध रहती है. इसमें फोन बंद करने पर रैम की तरह डेटा इरेज भी नहीं होता. दोनों में क्या अंतर? रैम टेंपरेरी तौर पर उतना ही डेटा होल्ड करती है, जितना ऑपरेटिंग सिस्टम और फोन में ओपन ऐप को जरूरत है. जब फोन ऑफ होता है तो रैम का डेटा इरेज हो जाता है, जिससे फोन ऑन करने पर नए डेटा के लिए जगह बन जाती है. इसकी तुलना में ROM पर डिवाइस ऑफ होने पर भी डेटा रहता है. स्मार्टफोन में ROM को आमतौर पर इंटरनल स्टोरेज या बिल्ट-इन स्टोरेज के तौर पर भी जाना जाता है.  कैपेसिटी और अपग्रेड स्मार्टफोन में 2GB से 16GB तक की रैम मिलती है. अभी कुछ मॉडर्न स्मार्टफोन में 18GB और 24GB रैम भी आने लगी है. यह डिवाइस के मदरबोर्ड में लगी होती है, जिससे इसे एक्सपैंड नहीं किया जा सकता. हालांकि, अब कुछ फोन में टेक्नोलॉजी आने लगी है, जिससे बिना किसी हार्डवेयर अपग्रेड भी रैम को बढ़ाया जा सकता है. दूसरी तरफ ROM की बात करें तो इसकी रेंज 16GB से लेकर 1TB और कई स्मार्टफोन में 2TB तक जाती है. माइक्रोएसडी जैसे स्टोरेज सॉल्यूशन की मदद से इसे एक्सपैंड भी किया जा सकता है.  मोबाइल के लिए कौन-सी ज्यादा जरूरी? स्मार्टफोन के फंक्शन के लिए दोनों ही जरूरी है और दोनों की ही अलग-अलग जरूरतें हैं. रैम के कारण फोन में मल्टीटास्किंग आसान हो पाती है. रैम के कारण ही ऐप्स और टास्क स्मूद तरीके से रन कर पाते हैं. गेमिंग से लेकर स्ट्रीमिंग तक के कामों के लिए रैम जरूरी होती है. अगर परफॉर्मेंस और स्पीड के नजरिए से देखा जाए तो रैम…
पूरा पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *