आज की खबर: Explained: पे कमीशन में सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला क्या होता है, क्या है फिटमेंट का पैमाना?
Eighth Pay Commission: करीब 10 महीने के लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आठवें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दे दी गई. यह फैसला करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है. इससे पहले, साल की शुरुआत में सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी और केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनधारकों के वेतन और भत्तों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था. आठवें वेतन आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई करेंगी. उनके साथ आईआईएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है. सरकार ने आयोग को 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें सौंपने का निर्देश दिया है. इस अवधि में आयोग विभिन्न हितधारकों से सलाह-मशविरा कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वेतन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट आने के बाद ही लागू करने की तारीख तय की जाएगी, हालांकि इसके 1 जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना जताई जा रही है. क्या होता है टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR)? टर्म ऑफ रेफरेंस दरअसल वेतन आयोग का फ्रेमवर्क डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें रिपोर्ट तैयार करने के लिए गाइडलाइंस और पैरामीटर्स दिए जाते हैं. इसमें वे सभी नियम और शर्तें होती हैं, जिनके आधार पर आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करता है. इसका मसौदा जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) तैयार करती है, जो वित्त मंत्रालय के अधीन काम करती है. मसौदे को अंतिम मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट देती है. जेसीएम में कई मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जिनमें से 12 सदस्यों का चयन स्टैंडिंग कमेटी से किया जाता है. ये सदस्य सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ चर्चा कर ToR को अंतिम रूप देते हैं. क्या है सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला — फिटमेंट फैक्टर? कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा, यह पूरी तरह फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) पर निर्भर करता है. यह एक ऐसा गुणांक है, जिससे पुराने बेसिक पे को गुणा कर नया बेसिक पे निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर, सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. यानी अगर किसी कर्मचारी का पुराना बेसिक पे 10,000 रुपया था, तो नया बेसिक पे 25,700 रुपये (10,000 × 2.57) हो गया था. फॉर्मूला: नया बेसिक पे = पुराना बेसिक पे × Fitment Factor कितनी बढ़ सकती है सैलरी? माना जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.86 के बीच तय किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 100 से 180 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है. सातवें वेतन आयोग में लागू किए गए 2.57 फिटमेंट फैक्टर से वेतन में 157 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जिससे बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ था. हालांकि, नए आयोग की सिफारिशों से पहले सरकार महंगाई दर, राजकोषीय घाटे और आर्थिक स्थिति जैसे कारकों पर भी विचार करेगी. ये भी पढ़ें: यूएस फेड के संभावित ब्याज दरों में कटौती और AI डील से एशियाई बाजार ने पकड़ी रफ्तार, 1000 अंक चढ़ा निक्केई
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