आज की खबर: Dharmendra Deol Health: किन बीमारियों से जूझ रहे धर्मेंद्र, जान लें ये बीमारियां कितनी खतरनाक?

Breast Cancer: आमतौर पर महिलाओं में ब्रेस्ट के शेप में बदलाव के लिए हार्मोनल चेंज, वजन में उतार-चढ़ाव या पीरियड्स को जिम्मेदार बताया जाता है, लेकिन अगर यह बदलाव अचानक और बिना किसी स्पष्ट कारण के हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. एक्सपर्ट बताते हैं कि कई बार यह ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत का एक लक्षण हो सकता है. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं कि यह किस कारण से होता है और इसके लक्षण क्या-क्या दिखाई देते हैं. शेप में बदलाव क्यों? अब आते हैं कि ब्रेस्ट के शेप में बदलाव क्यों होता है. ब्रेस्ट टिशू हार्मोन, फैट और मसल्स से बना होता है. पीरियड्स के दौरान या प्रेग्नेंसी के समय हार्मोनल उतार-चढ़ाव से ब्रेस्ट का आकार हल्का-फुल्का बदल सकता है. लेकिन अगर आपको ब्रेस्ट में एक साइड में बदलाव हो, या कोई गांठ, सूजन या त्वचा में खिंचाव दिखे, तो यह चिंता का कारण हो सकता है. लेकिन सवाल आता है कि क्या इससे कैंसर हो सकता है. Mayo Clinic के अनुसार, ब्रेस्ट के आकार, शेप या दिखावट में बदलाव आना ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण हो सकते हैं. इसके अलावा World Health Organization ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ब्रेस्ट के साइज, शेप या लुक में बदलाव ब्रेस्ट कैंसर का संभावित लक्षण हो सकता है. एक अन्य मेडिकल संस्था Agendia ने भी कहा है कि ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेतों में असमान शेप या आकार एक अहम संकेत है, जो ट्यूमर के कारण हो सकता है. किन बदलावों को नजरअंदाज न करें एक ब्रेस्ट का साइज अचानक बढ़ जाना या सिकुड़ जाना ब्रेस्ट की स्किन पर डिंपल्स या सिकुड़न दिखना निप्पल का अंदर की ओर मुड़ जाना या उसका शेप बदल जाना ब्रेस्ट में जलन, दर्द या लगातार सूजन निप्पल से बिना कारण डिस्चार्ज या खून आना ये सभी बदलाव कभी-कभी इंफेक्शन, सिस्ट या हार्मोनल असंतुलन के कारण भी हो सकते हैं, लेकिन अगर यह कुछ हफ्तों तक बने रहें, तो डॉक्टर से चेकअप करवाना बेहद जरूरी है. ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राफी करवानी चाहिए. अगर परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर रहा है, तो 30 वर्ष की उम्र के बाद ही जांच शुरू कर देनी चाहिए. हर महीने स्वयं जांच करें. अगर गांठ, साइज या शेप में बदलाव दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. इसके अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी आप इस दिक्कत से बच सकती हैं. हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फाइबरयुक्त भोजन ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम करते हैं. इसे भी पढ़ें- Chronic Lung Disease: क्रॉनिक लंग डिजीज वाले कितने हफ्तों के लिए छोड़ें दिल्ली? जानें डॉक्टर की सलाह Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें….
पूरा पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *