आज की खबर: ट्रंप को तगड़ा झटका! 5वीं पीढ़ी का F-35 नहीं खरीदेगा यूक्रेन, जेलेंस्की ने स्वीडन से कर ली 100 फाइटर जेट की डील

रूस से जारी जंग के बीच यूक्रेन ने अपनी एयरफोर्स को हाईटेक करने की दिशा में अहम पहल की है. पुराने लड़ाकू विमानों को बदलने के लिए यूक्रेन ने स्वीडन के साथ डील की है. इसके तहत वो 150 साब ग्रिपेन फाइटर जेट खरीदेगा. स्वीडन के लिंकोपिंग में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 22 अक्टूबर को स्वीडिश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने इस समझौते की घोषणा की.  स्वीडिश सरकार के अनुसार, यूक्रेन को आपूर्ति किए जाने वाले मानों की संख्या 100 से 150 के बीच हो सकती है. क्रिस्टरसन ने बताया कि यह सौदा ग्रिपेन से संबंधित एक बड़े संभावित निर्यात सौदे की ओर एक कदम है. जेलेंस्की ने ग्रिपेन के अधिग्रहण को यूक्रेन की रक्षा रणनीति के लिए टॉप प्राथमिकता बताया है. उन्होंने पुराने सोवियत विमानों को बदलने और आधुनिक पश्चिमी प्लेटफॉर्म को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. युद्ध में किया जा चुका है इस्तेमाल स्वीडिश मीडिया के अनुसार इस साल पहली बार ग्रिपेन का इस्तेमाल सीधे युद्ध में किया गया, जब थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ टकराव में लड़ाकू विमानों को तैनात किया. इससे पहले ग्रिपेन का इस्तेमाल मुख्य रूप से हवाई पुलिसिंग के लिए किया जाता रहा है और इसे 2025 में मित्र देशों के हवाई क्षेत्र में गश्त करने के नाटो मिशन के तहत पोलैंड में तैनात किया गया था.  स्वीडन के ग्रिपेन का मुकाबला लॉकहीड मार्टिन के साथ है. लॉकहीड मार्टिन के एफ-35 और एफ-16 और डसॉल्ट एविएशन ने राफेल और यूरोफाइटर को दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, ब्राजील, चेक गणराज्य और हंगरी को एक्सपोर्ट किया है, जबकि कोलंबिया ने भी ग्रिपेन खरीदने का फैसला किया है. ये विमान 1996 से सेवा में है. इसके नवीनतम संस्करण का पहला विमान ग्रिपेन ई अक्टूबर में स्वीडिश वायु सेना को सौंपा गया. कुल मिलाकर अब तक 280 से ज्यादा ग्रिपेन का निर्माण किया जा चुका है. ग्रिपेन फाइटर जेट की खासियत क्या है? साब ग्रिपेन ई एक हाईटेक मल्टीरोल वाला फाइटर जेट है. इसे स्वीडिश एयरोस्पेस कंपनी साब द्वारा विकसित किया गया है. इसे चौथी पीढ़ी के हल्के, सिंगल-इंजन वाले सुपरसोनिक जेट के रूप में जाना जाता है, जो हवाई युद्ध, बमबारी और टोही मिशनों में सक्षम है. ग्रिपेन ई को ‘स्मार्ट फाइटर’ कहा जाता है, जो आधुनिक युद्ध के लिए आवश्यक गतिशीलता, कम लागत, उच्च उपलब्धता और उन्नत सेंसर फ्यूजन तकनीक का एक शक्तिशाली संयोजन प्रदान करता है. ग्रिपेन ई का प्रदर्शन  इसकी अधिकतम गति मैक 2 (लगभग 2,400 किमी/घंटा) है. इसमें 10 हार्डपॉइंट्स (हथियार और बाहरी टैंक लगाने के स्थान) हैं, जो इसे विभिन्न प्रकार के हवा-से-हवा और हवा-से-सतह हथियारों को ले जाने की क्षमता देते हैं. यह उबड़-खाबड़ या अस्थायी रनवे से भी उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें बढ़ी हुई ईंधन क्षमता है, जो इसे लगभग 4,000 किमी की अधिकतम रेंज देती है. कौन-कौन से हथियार हो सकते हैं तैनात? ये कई प्रकार के उन्नत हथियारों को ले जा सकता है, जिनमें शामिल हैं- मेटीओर बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल. आईआरआईएस-टी शॉर्ट-रेंज इन्फ्रारेड गाइडेड मिसाइल. लेजर-गाइडेड और अन्य प्रिसिजन गाइडेड बम. एंटी-शिप मिसाइलें. यह 27mm की मौसर बीके-27 तोप से भी लैस है. ये भी पढ़ें लेह हिंसा की न्यायिक जांच कल से होगी शुरू, पीड़ितों से गवाही दर्ज कराने का किया गया अनुरोध
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