आज की खबर: जिनपिंग की तारीफ के बाद अब किस बात पर भड़के ट्रंप? चीन को दे डाली खुली चेतावनी- ‘अंजाम भुगतना होगा’
अफगानिस्तान में रविवार देर रात भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं. यहां पांच घंटों में दो बार जोरदार भूकंप आया है, जिसके बाद लोगों में डर और दहशत का माहौल बन गया. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, पहले भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.9 थी, जबकि दूसरा भूकंप बहुत जोरदार था, उसकी तीव्रता 6.3 मापी गई है. यह भूकंप अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए भूकंप के दो महीने बाद आया है, जिसमें कई लोग मारे गए थे. यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार रात 12:59 बजे (20:29 GMT) हिंदू कुश क्षेत्र के मज़ार-ए-शरीफ़ शहर के पास खोल्म में 28 किलोमीटर (17 मील) की गहराई पर आया. राजधानी काबुल स्थित एएफपी समाचार एजेंसी के संवाददाताओं ने भी भूकंप के झटके महसूस किए. कब-कब महसूस हुए थे भूकंप के झटके? भारतीय एजेंसी नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, पहला भूकंप रविवार (2 नवंबर, 2026 ) की रात 20:40:52 बजे आया था, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.9 मापी गई थी. इस भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर 10 किमी गहराई में था. पांच घंटों के भीतर हिंदू कुश इलाके में दूसरा भूकंप आया, जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.3 मापी गई. इसका केंद्र जमीन के अंदर 23 किमी गहराई में था. भूकंप के बाद घर छोड़कर भागे लोग स्थानीय प्राधिकारियों ने लोगों के लिए आपातकालीन टेलीफोन नंबर प्रसारित किए, लेकिन किसी भी मौत या घायल होने की तत्काल सूचना नहीं दी. एएफपी संवाददाता ने बताया कि मजार-ए-शरीफ में कई लोग आधी रात को अपने घर गिरने के डर से सड़कों पर भाग गए. तालिबान अधिकारियों को 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से कई बड़े भूकंपों का सामना करना पड़ा है, जिसमें ईरान की सीमा पर पश्चिमी हेरात क्षेत्र में 2023 में आया भूकंप भी शामिल है, जिसमें 1,500 से अधिक लोग मारे गए और 63,000 से अधिक घर ढह हो गए. इसी साल 31 अगस्त को देश के पूर्वी भाग में 6.0 तीव्रता का हल्का भूकंप आया, जिसमें 2,200 से अधिक लोग मारे गए. यह हाल के अफगान इतिहास का सबसे घातक भूकंप था. हिंदू कुश इलाके में भूकंप आना आम बात अफगानिस्तान में भूकंप आना आम बात है, विशेष रूप से हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला के पास, जहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं. दशकों के युद्ध के बाद अफगानिस्तान अनेक संकटों से जूझ रहा है, जिनमें व्यापक गरीबी, गंभीर सूखा तथा पड़ोसी देशों पाकिस्तान और ईरान द्वारा लाखों अफगानों को वापस घर भेजे जाने की घटनाएं शामिल हैं.
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