आज की खबर: जर्मनी जा रही फ्लाइट में यात्री का हंगामा, 17 साल के लड़के पर धारदार स्पून से किया अटैक; प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग
अमेरिका से जर्मनी जा रही लुफ्थांसा की एक उड़ान में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक भारतीय मूल के युवक ने फ्लाइट में दो यात्रियों पर मेटल की कांटेदार चम्मच से हमला कर दिया. हमला इतना और हिंसक था कि क्रू को आपात स्थिति घोषित करनी पड़ी और फ्लाइट को तुरंत बोस्टन लॉगन एयरपोर्ट की ओर मोड़ना पड़ा. यह घटना 25 अक्टूबर 2025 को लुफ्थांसा की फ्लाइट LH-431 में हुई, जो शिकागो से फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) जा रही थी. फ्लाइट में सवार 28 वर्षीय प्रनीत कुमार उसिरीपल्ली नाम का भारतीय युवक अचानक हिंसक हो उठा. 17 साल के लड़कों पर यात्री ने किया हमला खाने की सर्विस के बाद जब यात्री आराम कर रहे थे, तभी उसने पास बैठे 17 साल के लड़के पर कांटे से हमला कर दिया. शख्स ने ये वार सीधे उसके कंधे के पास किया. इतना ही नहीं, उसने बगल में बैठे दूसरे 17 साल के लड़के के सिर के पीछे कांटा घोंप दिया. दूसरे लड़के के सिर में चोट आई और खून निकलने लगा. हमले के बाद जब क्रू मेंबरों ने आरोपी को पकड़ने की कोशिश की तो उसने और अजीब हरकतें करनी शुरू कर दी. वहां मौजूद लोगों के मुताबिक, आरोपी ने अपना हाथ ‘पिस्तौल की तरह’ बनाया, मुंह में डालकर ट्रिगर दबाने का इशारा किया, फिर बगल में बैठी महिला यात्री को थप्पड़ मार दिया. आरोपी यात्री ने एक फ्लाइट अटेंडेंट पर भी हाथ उठाने की कोशिश की. हालात बेकाबू होता देख फ्लाइट को तुरंत बोस्टन मोड़ दिया गया, जहां लैंडिंग के साथ ही आरोपी को FBI और अमेरिकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. कौन है आरोपी प्रनीत उसिरीपल्ली? अमेरिकी जांच एजेंसियों के मुताबिक, प्रनीत कुमार उसिरीपल्ली, उम्र 28 वर्ष, भारतीय नागरिक है. वह अमेरिका स्टूडेंट वीजा पर गया था और हाल में एक बाइबल स्टडीज (Biblical Studies) के मास्टर्स प्रोग्राम में दाखिल था. फिलहाल उसके पास कानूनी वीजा स्टेटस नहीं है, यानी वह अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा था. अमेरिकी कोर्ट ने उसिरीपल्ली पर खतरनाक हथियार से हमला करने और गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश का मामला दर्ज किया है. अगर शख्स दोषी पाया गया तो उसे 10 साल तक की जेल, 3 साल की निगरानी रिहाई और करीब 2 करोड़ रुपए तक के जुर्माने की सजा मिल सकती है. इस मामले की जांच FBI, Massachusetts Police, और Immigration & Customs Enforcement (ICE) ने मिलकर की. मामले की सुनवाई बोस्टन की फेडरल कोर्ट में होगी. अभी आरोपी को हिरासत में रखा गया है और कोर्ट में पेशी की तारीख जल्द तय की जाएगी. ये भी पढ़ें:- EXPLAINED: चलता-फिरता ताबूत बनीं स्लीपर बसें, 14 दिन में 50 से ज्यादा मौतें, क्या अब महफूज नहीं बस का सफर?
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