आज की खबर: अमेरिका में भारतीयों को कितनी मिलती है सैलरी, अमेरिकियों से कम या ज्यादा है पगार?

पढ़-लिखकर, अच्छी डिग्री हासिल कर विदेशों में काम करने का सपना कई भारतीयों का है. सऊदी अरब, कनाडा, दुबई जैसे कई देशों में बड़ी संख्या में भारतीय काम करते हैं. इस लिस्ट में अमेरिका भी है, जहां जाकर काम करने का ख्वाब बहुत सारे लोगों का है. दरअसल, अमेरिका में सैलरी दूसरे कई देशों के मुकाबले ज्यादा है. यही वजह है कि जब अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने  H-1B वीजा की फीस को हर साल 1,00,000 डॉलर (करीब 88 लाख भारतीय रुपये) तक बढ़ाया, तो इससे भारतीयों को बड़ा झटका लगा क्योंकि अमेरिका में H-1B वीजा के सबसे ज्यादा होल्डर भारतीय ही हैं. अब सवाल यह आता है कि भारत के लोगों में अमेरिका में जाकर काम करने या बसने का इतना ज्यादा क्रेज क्यों हैं?  भारतीयाें को कितनी मिलती है सैलरी?  भारत से नौकरी के सिलसिले में अमेरिका जाने वाले ज्यादातर लोग डॉक्टर, इंजीनियर, नर्स, साइंटिस्ट और रिसर्च स्कॉलर जैसे पोस्ट पर काम करते हैं. इन्हें अपने काम के बदले मोटी सैलरी मिलती है. अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के मुताबिक, अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों का एवरेज एनुअल इनकम या औसत वार्षिक आय 95,000 डॉलर है. यह एक औसत अनुमान है, जो कम या ज्यादा हो सकता है. आमतौर पर अमेरिका में रह रहे लोगों को अकसर इस बात की शिकायत रहती है कि इमिग्रेशन या आव्रजन के कारण उनकी सैलरी कम हो रही है. साल 2022-2025 के लिए श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में रहने वाले अमेरिकियों की औसत आय सालाना 59,430 डॉलर से 68,124 डॉलर के बीच है. हर महीने इन्हें 5,000 डॉलर-6,000 डॉलर के बीच सैलरी मिलती है. Why Indians are earning the highest in USA?1. We value good education and are the most educated ethnic group2. We work very hard along with being frugal in our habits3. We are smart4. We are in IT, engineering and medicine- the highest paying jobs🇮🇳 💪!!! pic.twitter.com/EGNEYqfp52 — Harsh Goenka (@hvgoenka) January 14, 2023 हर्ष गोयनका ने बताई वजह जाने-माने उद्योगपति हर्ष गोयनका भी पहले इस पर बात कर चुके हैं. उन्होंने एक्स पर अपने एक पोस्ट के जरिए बताया था कि दूसरे देशों के नागरिकों के मुकाबले अमेरिका में भारतीयों को अच्छी सैलरी क्यों मिलती है. उन्होंने लिखा था, ”हम स्मार्ट हैं. हम आईटी, इंजीनियरिंग और मेडिकल में हैं – जो सबसे ज़्यादा वेतन वाली नौकरियां हैं.” उन्होंने बताया था कि भारतीय अच्छी शिक्षा को महत्व देते हैं और सबसे शिक्षित जातीय समूह है. अच्छी आदत के साथ-साथ भारतीय मेहनती भी होते हैं. उन्होंने एक इन्फोग्राफिक शेयर करते हुए बताया था कि दूसरे देशों के मुकाबले भारतीय अमेरिका में औसत कितनी कमाई करते हैं. इस इन्फोग्राफिक में अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के 2013-15 की डेटा का जिक्र था. अमेरिका में भारतीय की एवरेज इनकम लगभग 100,000 डॉलर के बराबर है, जो मौजूदा एक्स्चेंज रेट के हिसाब से लगभग 88 लाख रुपये है. वहीं, चीन और पाकिस्तान के लोग अमेरिका में क्रमश: 69,100 डॉलर और 66,200 डॉलर की औसत आय के साथ लिस्ट में नीचे है.  कई सेक्टर्स में भारतीयों का दबदबा यहां नॉन-आईटी सेक्टर में अमेरिकियों को स्थानीय भाषा पर अपनी मजबूत पकड़ होने के चलते भारतीयों के मुकाबले अच्छी सैलरी मिलती है. वहीं, कई सेक्टर्स ऐसे हैं, जहां भारतीयों को अमेरिकियों के मुकाबले अच्छी पगार मिलती है. ऐसा खास तौर पर आईटी सेक्टर और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के फील्ड में होता है. हालांकि, सैलरी में अंतर होने की कई और भी वजहें हो सकती हैं जैसे कि एक्सपीरियंस, स्किल्स, जॉब प्रोफाइल वगैरह आप वहां के किस स्टेट में काम कर रहे हैं इसका भी असर पड़ता है. कहीं सैलरी अनुमानित रूप से ज्यादा होती है, तो कहीं कम होती है.    ये भी पढ़ें: कोर्ट का एक फैसला और रॉकेट बना शेयर, Vodafone Idea के निवेशकों को बड़ी राहत! 
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